-
Shri Gita Bhakt Yog Darshan
₹351.00प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। प्रस्तुत भाष्य गीता में प्रतिपादित भक्ति योग का दर्शन है गीता जी के गूढ़ रहस्यों की व्याख्या को सरल शैली में गीता तत्व को समझने में आपको अवसर प्राप्त होगा इसी भक्ति योग के द्वारा श्री कृष्ण ने अर्जुन को अपनी बात मनवा कर युद्ध करने की प्रेरणा तथा संसार का सभी कार्य करते हुए कैसे ठाकुर जी का स्मरण करते रहे की प्रेरणा दी है। यह सिर्फ सिद्धांत का ग्रंथ नहीं अपितु साधना करने और परम प्राप्य को पाने की प्रेरणा देने वाला है।
-
Shri Jaydev Lilamrut
₹400.00प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। भगवान को जीव कल्याण की बड़ी चिंता रहती है इससे वे कभी अपने श्रृंगार – नूपुर, कंकन आदि एवं अपने धाम में निवास करने वाले परिकरों को भेज कर हमारी कल्याण की व्यवस्था बनाते रहते हैं
-
Shri Adhyatma Ramayan Padanuvad
₹350.00प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। यह श्रीमद् अध्यात्म रामायण वही है जो रसिक शंकर भगवान ने रसिकनी श्री पार्वती जी को सुनाया था। मानव मात्र के कल्याण के लिए यह लीलामृत की धारा सबको सुलभ हो और इससे मानव अपना जीवन सफल कर सकेंगे। रामायण की भांति इसमें भी सात कांड है जो कि दोहा चौपाई सोरठा आदि में आपको पढ़ने को मिलेगा। आपकी साधना एवं परम चरम लक्ष्य के प्राप्त करने की प्रेरणा बढ़ाने में यह ग्रंथ सहायक रहेगा।
-
Shri Chaitanya Charitamrit Varsha
₹251.00प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। इस ग्रंथ में आपको श्री चैतन्य महाप्रभु का संपूर्ण जीवन चरित्र पढ़ने को मिलेगा। इस ग्रंथ के माध्यम से आपको श्री चैतन्य महाप्रभु जी की लीलाएं एवं सिद्धांत जानने को मिलेंगे। महाप्रभु जी के परिकरों के बारे में भी आपको जानने को मिलेगा। नाम संकीर्तनाचार्य चैतन्य महाप्रभु का यह यह अद्भुत ग्रंथ भवसागर को पार कराने में बहुत बड़ा सहायक है।
-
Bhakti Saptashati
₹25.00प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। संतों ने भक्ति दो प्रकार की बताई है। एक साधना भक्ति और दूसरी सिद्धा भक्ति। एक की जाती है और दूसरी भगवत् कृपा से पाई जाती है। भक्ति देवी की चार भुजाएं कौन हैं, इनका स्वरूप क्या है, आदि जानने के लिए एवं अपनी परम चरमलक्ष्य प्रेमाभक्ति को प्राप्त करने हेतु आपको इस ग्रन्थ से सहयोग प्राप्त होगा।
-
Karun Ras & Ashrukarun Pad
₹25.00प्रस्तुत पदावली ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। इस पदावली में आपको प्रिया प्रियतम की आरती, जागरण गीत, एक अंतरंग सखी की बात, नृत्य गीत, प्रेरणा गीत, महिमामयी भक्ति…..
-
Byahula & Narsi Charitram
₹25.00इस ग्रंथ में आपको दोनों राधा कृष्ण विवाह एवं भक्त नरसी के बारे में जानने का सुअवसर मिलेगा।
इस पदावली में आपको श्री राधा कृष्ण विवाह का मंगलमय प्रसंग चिंतन, मोहन मोहनी की आरती, दिव्या युगल का दिव्य विहार, भक्त ह्रदय की पुकार, आशीर्वाद, नव वर्ष की शुभकामना आदि पद मिलेंगे जो आपको साधना के पथ पर अग्रसर करेंगे।
-
Shri Bhakti Mati Meera Charitram
₹10.00प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। भारत देश के राजस्थान शहर में मेड़ता गांव में क्षत्रिय कुल में प्रकट हुई भक्त मीरा बाई कौन है, उनके जीवन के बारे में, उन्होंने कैसे भक्ति की और किस प्रकार साधना के पथ पर आगे बढ़ कर अपने लक्ष्य तक पहुंची। क्या क्या संघर्ष उनके जीवन में आए आदि आपको इस ग्रन्थ से जानने के लिए मिलेंगे।
-
Bhakti Shiromani Shrimati Girija Devi & Prem Madhuri Bai
₹20.00प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। भक्त शिरोमणि श्री श्रीमती गिरिजा देवी एवं श्री प्रेम माधुरी बाई कौन है, इनका क्या इतिहास है, कैसी इनकी साधना है, आदि बातों को जानने एवं श्रवण करने को आपको इस ग्रंथ में सुअवसर मिलेगा।
-
Shri Shri Seeta Banvaas
₹30.00प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। इस ग्रंथ में आपको श्रीसीताजी जब बनवास का समय काटकर राजमहल (अयोध्या) में वापस आ गए तब से लेकर वापस बनवास का भोग एवं धरती माँ की गोद में श्री सीता माँ का समा जाना आदि पूरी जीवनी श्री सीता जी के बारे में जानने को मिलेगी। वैराग्य, साधना, तप, त्याग, भक्ति, प्रेम, कर्तव्य, शौर्य, पतिव्रता, आदर्श, धीरज, विश्वास, करुणा, निडर, साहसी का स्वरूप श्री सीता बनवास में आपको श्री सीता जी के बारे में जानने को मिलेगा।