प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। प्रस्तुत भाष्य गीता में प्रतिपादित भक्ति योग का दर्शन है गीता जी के गूढ़ रहस्यों की व्याख्या को सरल शैली में गीता तत्व को समझने में आपको अवसर प्राप्त होगा इसी भक्ति योग के द्वारा श्री कृष्ण ने अर्जुन को अपनी बात मनवा कर युद्ध करने की प्रेरणा तथा संसार का सभी कार्य करते हुए कैसे ठाकुर जी का स्मरण करते रहे की प्रेरणा दी है। यह सिर्फ सिद्धांत का ग्रंथ नहीं अपितु साधना करने और परम प्राप्य को पाने की प्रेरणा देने वाला है।
Shri Gita Bhakt Yog Darshan
₹351.00
प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। प्रस्तुत भाष्य गीता में प्रतिपादित भक्ति योग का दर्शन है गीता जी के गूढ़ रहस्यों की व्याख्या को सरल शैली में गीता तत्व को समझने में आपको अवसर प्राप्त होगा इसी भक्ति योग के द्वारा श्री कृष्ण ने अर्जुन को अपनी बात मनवा कर युद्ध करने की प्रेरणा तथा संसार का सभी कार्य करते हुए कैसे ठाकुर जी का स्मरण करते रहे की प्रेरणा दी है। यह सिर्फ सिद्धांत का ग्रंथ नहीं अपितु साधना करने और परम प्राप्य को पाने की प्रेरणा देने वाला है।
Category: Granths
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