प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। संतों ने भक्ति दो प्रकार की बताई है। एक साधना भक्ति और दूसरी सिद्धा भक्ति। एक की जाती है और दूसरी भगवत् कृपा से पाई जाती है। भक्ति देवी की चार भुजाएं कौन हैं, इनका स्वरूप क्या है, आदि जानने के लिए एवं अपनी परम चरमलक्ष्य प्रेमाभक्ति को प्राप्त करने हेतु आपको इस ग्रन्थ से सहयोग प्राप्त होगा।
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Bhakti Saptashati
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प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। संतों ने भक्ति दो प्रकार की बताई है। एक साधना भक्ति और दूसरी सिद्धा भक्ति। एक की जाती है और दूसरी भगवत् कृपा से पाई जाती है। भक्ति देवी की चार भुजाएं कौन हैं, इनका स्वरूप क्या है, आदि जानने के लिए एवं अपनी परम चरमलक्ष्य प्रेमाभक्ति को प्राप्त करने हेतु आपको इस ग्रन्थ से सहयोग प्राप्त होगा।
Category: Granths
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