प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। इस ग्रंथ में आपको श्रीसीताजी जब बनवास का समय काटकर राजमहल (अयोध्या) में वापस आ गए तब से लेकर वापस बनवास का भोग एवं धरती माँ की गोद में श्री सीता माँ का समा जाना आदि पूरी जीवनी श्री सीता जी के बारे में जानने को मिलेगी। वैराग्य, साधना, तप, त्याग, भक्ति, प्रेम, कर्तव्य, शौर्य, पतिव्रता, आदर्श, धीरज, विश्वास, करुणा, निडर, साहसी का स्वरूप श्री सीता बनवास में आपको श्री सीता जी के बारे में जानने को मिलेगा।
“Shri Adhyatma Ramayan Padanuvad” has been added to your cart. View cart
Shri Shri Seeta Banvaas
₹30.00
प्रस्तुत ग्रंथ ब्रज रस रसिक संप्रदाचार्य अनंत श्री विभूषित जगतगुरु श्री प्रियदर्शी महाराजजी द्वारा रचित है। इस ग्रंथ में आपको श्रीसीताजी जब बनवास का समय काटकर राजमहल (अयोध्या) में वापस आ गए तब से लेकर वापस बनवास का भोग एवं धरती माँ की गोद में श्री सीता माँ का समा जाना आदि पूरी जीवनी श्री सीता जी के बारे में जानने को मिलेगी। वैराग्य, साधना, तप, त्याग, भक्ति, प्रेम, कर्तव्य, शौर्य, पतिव्रता, आदर्श, धीरज, विश्वास, करुणा, निडर, साहसी का स्वरूप श्री सीता बनवास में आपको श्री सीता जी के बारे में जानने को मिलेगा।
Category: Granths
Related products
Close























Reviews
There are no reviews yet.